दीदी धीरे धीरे मस्त हो रही थी, मैंने भी मौका देख के थोड़े कदम बढ़ाये। थोडा डर था पर एक उम्मीद भी.. इस मस्त hot sister sex story का अगला पार्ट-
Hindi Sex Story के अन्य भाग-
पार्ट 2
मै दीदी को नाइटी देकर अटैच्ड बाथरूम में घुस गया , मैंने जानबूझ कर दरवाजा खुला छोड़ दिया और दरवाजे के पीछे से छुप कर दीदी को कपडे बदलते हुए देखने लगा। दीदी ने बड़ी मुश्किल से सलवार का नाडा खोल कर सलवार उतार पाई फिर कुरता उतारने लगी। मैंने नीचे देखा कि दीदी ने चड्डी नहीं पहन रक्खी थी। यह देख कर अब मेरा लंड कंट्रोल से बाहर होने लगा सो मैंने पेंट की चैन खोल कर अंडरवीयर से लंड को बाहर निकाल कर सहलाने लगा , मानों उसे तसल्ली दे रहा था कि चिंता मत करो आज तुम्हे दीदी की चूत में ज़रूर पेलूँगा। अचानक दीदी कुरता उतारते हुए लडखडा गयी , मैंने मुनासिब मौक़ा जान कर पीछे से कमर में बांहे फंसा कर दीदी को थाम लिया। दीदी पूरी तरह से नंगी खाली ब्रा में मेरी बांहों में थी। मैंने भी दीदी की गांड से अपना लंड जो में सहला रहा था पीछे से चिपका दिया था।
” हाय अल्ला , मुझे जल्दी से नाइटी दे” दीदी ने बुरी तरह से शरमाते हुए कहा।
” कोई बात नहीं दीदी , अगर आपकी तबियत सही नहीं है तो इसमें शर्माना कैसा ? आखिर बीमारी में डाक्टर के सामने भी तो कभी कभी हमें नंगा होना पड़ता है और फिर मै कोई गैर तो हूँ नहीं आखिर आपका प्यारा सा भाई ही तो हूँ।” यह कह कर मै अपना लंड दीदी की गांड से रगड़ने लगा और अपने हाथों से उनका चिकना पेट सहलाता जा रहा था।
” नहीं पगले , मुझे बहुत शरम आ रही है , मुझे जल्दी से नाइटी दे ” दीदी ने लडखडाती आवाज़ में कहा। मैंने बेमन से दीदी को छोड़ कर नाइटी उठा कर दी। मेरा लंड अभी भी पेंट की चेन के बाहर निकला फनफना रहा था। उस वक़्त मेरा मन कर रहा था कि दीदी को उठा कर बेड पर पटक दूँ और एक झटके में ही पूरा लंड उनकी मस्त चूत में ठांस दूँ लेकिन मै पूरे सब्र से काम ले रहा था क्योंकि ज़रा सी ज़ल्दबाजी सारे बने बनाये खेल को चौपट कर सकती थी। दीदी ने नाइटी पहन ली थी। मैंने उन्हें सहारा देकर बेड पर लिटा दिया और किसी तरह ठूंस ठांस कर अपने लंड को पेंट के अन्दर कर बेमन से के चेन लगा ली। मै दीदी से बोला ” दीदी क्या मै थोड़ी देर आप के कमरे में ही रुक जाऊ ? अभी मुझे नींद नहीं आ रही है”
” अरे इसमे पूछने की क्या बात है , तू तो मेरा छोटा सा प्यारा शैतान भाई है। अब देख ना , तूने मुझे ही आज शराब पिला दी पर कुछ भी कहो , ये चीज़ बड़ी शानदार है , मेरा पूरा शरीर जैसे फूल सा नाज़ुक हो गया है व शरीर में एक अजीब सी गुदगुदी हो रही है” दीदी ने लडखडाती आवाज़ में पूरा प्यार ज़ताते हुए कहा।
मैं भी अपने कपडे चेंज करके लुंगी बनियान में उनके बेड पर बगल में ही लेट गया। मेरी निगाह दीदी की नाइटी के ऊपर से उनकी मस्त चूत को महसूस कर रही थी। दीदी की पलकें बोझिल सी हो रही थी। अब मुझे डर लगने लगा कि दीदी कहीं नशे में सो ना जाएँ अतः मै उन्हें जगाये रखने को बोला,” क्या दीदी , कितने दिन बाद तो हम मिले है और तुम्हें नींद आ रही है। लगता है आप मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं करती , कुछ बातचीत करो ना मेरी प्यारी दीदी” यह कह कर मै उनके बगल में लेट गया और मैंने प्यार जताने के से अंदाज़ में अपना एक हाथ उनकी चूची को टच करते हुए पेट पर व अपनी एक टांग उनकी टांग पर रख कर छोटे बच्चे की तरह जिद करते हुए कहा।
” धत पगले ! तू तो मुझे बहुत पसंद है , चल बता क्या बात करू” दीदी बोली
मै समझ चुका था कि दीदी अब पूरे नशे में है और अब यह सही वक़्त है उनकी छुपी वासना को जगाने का अतः मै बोला ,” अच्छा अगर मै आप को बहुत पसंद हूँ तो बताइए ना कि मेरी क्या क्या चीज़ आपको पसंद है”
” तेरा सब कुछ मुझे पसंद है पगले ” दीदी ने हँसते हुए कहा
” ये मेरा शरीर ? ये भी आपको पसंद है ? देखिये ना कितनी मेहनत से जिम जा जा कर यह शरीर बनाया है” मैंने शोख अंदाज़ में धीरे से अपना हाथ उनकी चूची पर रख कर टांग से टांग रगड़ते हुए कहा। क्योंकि अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था लेकिन दीदी का भी चुदने के लिए तैयार होना ज़रूरी था।
” हाँ , मैंने देखा है , बहुत गठीला शरीर निकल आया है , अब तो सारी लडकियाँ मेरे भैय्या पर मरतीं होंगी। ” दीदी मेरे हाथ व टांग की गुस्ताखियों से बेखबर बोलीं
” आपने कहाँ से मेरा शरीर देख लिया ? मैंने तो आपके सामने कपडे भी नहीं उतारे” मैंने धीरे धीरे उनकी चूचियों को सहलाते हुए कहा।
” वो मैंने कपड़ो के ऊपर से ही अंदाज़ा लगा कर कहा” दीदी फुल नशे में टुन्न बोली
” अंदाजा क्यों लगाया ? मै गैर हूँ क्या , मुझसे कह नहीं सकतीं थीं कि सोहेल ज़रा कपडे उतार मुझे तेरा शरीर देखना है” मैंने दिखावटी नाराज़गी से कहा
” अरे सोहेल , नाराज़ हो गया क्या ? चल अब दिखा दे ” दीदी मुझे खुश करतीं हुई बोली
मैंने बनियान उतार कर जानबूझ कर अपनी लुंगी भी उतार दी क्योंकि मेरा लंड फुल टायट हो कर अंडरवीअर में तम्बू बनाये खड़ा था।

भाई बहन ने एक दूजे को खुश किया
मै बेड के बगल में खड़े होकर बोला ” लो अच्छी तरह से देख लो मेरा शरीर , ये किसी गैर का नहीं तुम्हारे अपने प्यारे भाई का ही तो है”
” हाँ सही कहता है तू , वाह बहुत सुन्दर , क्या सीना निकल के आया है” दीदी बोली
” ओफ्फो , फिर वही बात , छूकर देख लो ना , फिर कहोगी कि मैंने तो सिर्फ देखा था छुआ कहाँ था” मैंने दाना फेंकते हुए कहा
दीदी लडखडाती हुई उठी और मेरी तरफ बढी , मैंने लपक कर उन्हें बांहों में संभाल कर सीने से चिपका कर कहा .” संभल कर दीदी , चोट लग जायेगी ” यह कह कर मैंने थोड़ा सा झुक कर उन्हें बांहों में कस कर भर लिया और अपना लंड उनकी दोनो जांघो के बीच में फंसा दिया।
” हुम् म , वाकई बहुत ही शानदार शरीर है सोहेल तेरा ”
“अरे मेरी प्यारी दीदी , ये किसी गैर का नहीं तुम्हारे अपने भाई का शरीर है इत्मीनान से पूरे के पूरे शरीर को छूकर , सहलाकर देखो ना ”
” हाँ वो तो मै देख रही हूँ ” दीदी गहरी गहरी सांसों के साथ बोली। मै समझ गया कि अब लोहा धीरे धीरे गरम हो रहा है सो मैंने उनकी नाइटी के ऊपर से ही अपना लंड उनकी चूत से रगड़ना शुरू कर दिया। मै उन्हें कस कर चिपका के उनकी पीठ भी सहलाता जा रहा था।अब दीदी मेरे सीने से चिपकी गहरी गहरी सांसे ले रही थी , मै समझ गया कि लोहा अब काफी गरम है सो मैंने धीरे से उन्हें बेड पर लिटा दिया और उनके बगल में लेटता हुआ बोला “दीदी हुस्न तो तुम्हारा भी लाज़बाब है , अभी जब मैंने तुम्हे नंगा देखा तब समझ में आया , हालाँकि मै ढंग से देख नहीं पाया था , मेरी प्यारी दीदी , मुझे भी अपना शरीर दिखाओ ना”